रिपोर्टिंग एजेंसियां होंगी ब्लैकलिस्ट, ठेकेदार जाएंगे जेल और इंजीनियर होंगे सस्पेंड; जानें क्यों सख्त हुई योगी सरकार

रिपोर्टिंग एजेंसियां होंगी ब्लैकलिस्ट, ठेकेदार जाएंगे जेल और इंजीनियर होंगे सस्पेंड; जानें क्यों सख्त हुई योगी सरकार


 उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘हर घर नल से जल’ योजना में अनियमितताओं और लापरवाहियों को लेकर सख्त रुख अपनाया जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों से पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को काटने के बाद उनकी मरम्मत न करने और नल कनेक्शन की गलत रिपोर्टिंग करने जैसी शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों को देखते हुए सरकार ने सख्त कार्रवाई का मन बना लिया है। अब ऐसी लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा, ठेकेदारों को जेल भेजा जाएगा, और संबंधित अभियंताओं को निलंबित किया जाएगा।

सरकार का सख्त रुख

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में हर घर नल से जल योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। सरकार की इस योजना का उद्देश्य है कि राज्य के हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जा सके। लेकिन इस योजना के क्रियान्वयन के दौरान कई स्थानों पर लापरवाही और अनियमितताएं सामने आई हैं।

पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को काटा गया था, लेकिन उसके बाद उन सड़कों की मरम्मत नहीं की गई। इस लापरवाही के कारण स्थानीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस बारे में शिकायतें दर्ज कराई हैं। योगी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और ऐसे ठेकेदारों और एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख सचिव के निर्देश

नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसी सभी एजेंसियों और अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके बाद मिशन के अधिशासी निदेशक बृजराज सिंह यादव ने सभी अधिशासी अभियंताओं और जल जीवन मिशन के ठेकेदारों को निर्देश जारी किए हैं कि वे तुरंत सड़कों की मरम्मत का काम पूरा करें और जलापूर्ति की नियमितता सुनिश्चित करें।

नवरात्रि से पहले कार्य पूरा करने के निर्देश

अधिशासी निदेशक ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शारदीय नवरात्रि से पहले, यानी 3 अक्टूबर तक, पाइपलाइन बिछाने के लिए काटी गई सड़कों की मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन स्थानों पर नल कनेक्शन की रिपोर्टिंग की गई है, वहां वास्तविक रूप से जल आपूर्ति होनी चाहिए। अगर कहीं भी जल आपूर्ति में कमी पाई गई, तो संबंधित अभियंताओं और एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गलत रिपोर्टिंग पर भी होगी कार्रवाई

राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक ने नल कनेक्शन की गलत रिपोर्टिंग करने वाली एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां एजेंसियों ने नल कनेक्शन की रिपोर्टिंग तो की है, लेकिन वास्तविकता में वहां पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। इन मामलों में संबंधित इंजीनियरों और एजेंसियों को चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

संभावित कार्रवाई की लिस्ट

पाइपलाइन बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत न करने और नल कनेक्शन की गलत रिपोर्टिंग के मामले में डेढ़ दर्जन से अधिक अधिशासी अभियंताओं पर कार्रवाई हो सकती है। इसमें पूर्वांचल के 8 अधिशासी अभियंता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैनात 6 और अवध क्षेत्र में तैनात 3 अधिशासी अभियंताओं की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। इन अभियंताओं को जल्द से जल्द अपनी कार्यसंस्कृति में सुधार कर सभी शिकायतों का निवारण करने के लिए अल्टीमेटम दिया गया है। अगर इन अभियंताओं के काम में सुधार नहीं होता है, तो विभाग उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करेगा।

नवरात्रि से पहले सभी कार्यों का निपटारा

प्रदेश सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों और एजेंसियों को निर्देशित किया है कि नवरात्रि से पहले सभी लंबित कार्यों का निपटारा कर दिया जाए। पाइपलाइन बिछाने के लिए काटी गई सड़कों की मरम्मत, जल आपूर्ति की नियमितता, और नल कनेक्शन की वास्तविकता की जांच को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों और एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार का संदेश साफ

योगी सरकार के इस कड़े रुख का संदेश साफ है कि राज्य में किसी भी योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ‘हर घर नल से जल’ योजना का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि योजना के तहत सभी कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरे हों। ठेकेदारों, एजेंसियों और अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और तत्परता से निभाएं। इसके साथ ही, जिन क्षेत्रों में काम पूरा हो चुका है, वहां के निवासियों को भी जलापूर्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।


नल कनेक्शन के बाद भी पानी की सप्लाई नहीं, तो इंजिनियर-फर्म के खिलाफ होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में ‘हर घर नल से जल’ योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए योगी सरकार का कड़ा रुख महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत प्रदेश के हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और इसके क्रियान्वयन में बाधा डालने वाले ठेकेदारों, एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश की जनता को इस योजना का पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वे स्वागत योग्य हैं। उम्मीद है कि इस कड़ी कार्रवाई के बाद योजना के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और लोगों को समय पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। योगी सरकार की इस सख्ती का असर जल्द ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिलेगा, जहां लोग स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

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