दिलीप मंडल का सुप्रीम कोर्ट से बड़ा सवाल: क्या ब्राह्मण EWS कोटा खाते हैं? कोलिजियम ने 7 साल से एक भी ठाकुर जज नहीं बनाया

 दिलीप मंडल का सुप्रीम कोर्ट से बड़ा सवाल: क्या ब्राह्मण EWS कोटा खाते हैं? कोलिजियम ने 7 साल से एक भी ठाकुर जज नहीं बनाया

Delhi की खबरें: पत्रकार और सामाजिक टिप्पणीकार दिलीप मंडल ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर उठते सवालों के बीच एक विवादास्पद बयान दिया है। मुख्य न्यायाधीश धनन्जय यशवंत चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या कभी किसी ने पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट में 50% से अधिक जज ब्राह्मण क्यों हैं?


मंडल का कहना है कि पिछले सात वर्षों में एक भी ठाकुर जज की नियुक्ति नहीं हुई है और केवल एक बनिया जज है, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
क्या हमने कभी पूछा कि ब्राह्मणों के अलावा अन्य जातियों को जज बनने का मौका क्यों नहीं मिल रहा है?” मंडल ने पूछा। क्या किसी ने पूछा है कि ब्राह्मणों का EWS (कमजोर आर्थिक वर्ग) कोटा सिर्फ ब्राह्मणों तक क्यों सीमित है?उन्होंने यह भी कहा कि वे इस विषय पर चुप रहेंगे, लेकिन सवाल पूछा जाना चाहिए।

मंडल ने अपने बयान से सुप्रीम कोर्ट की नियुक्ति प्रक्रियाओं पर एक नया बहस शुरू की है। यह आरोप न्यायपालिका में जातिगत असंतुलन और पक्षपात का संकेत है। इसके साथ ही, मंडल ने यह भी पूछा कि क्या न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित की जा रही है या क्या यह भी जाति आधारित है।
सुप्रीम कोर्ट के कोलिजियम ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाएगा, यह देखना बाकी है। इस बहस ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की जातिगत पृष्ठभूमि पर एक बार फिर बहस को जन्म दिया है और न्यायपालिका में सुधार की जरूरत को लेकर नए प्रश्न उठाए हैं।

मंडल का यह बयान न्यायपालिका की नियुक्ति प्रक्रिया में जातिगत असंतुलन की ओर इशारा करता है और न्याय और समानता की दिशा में समाज में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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