भाजपा ने चुनाव अभियान वीडियो में किया बच्चे के इस्तेमाल, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक विवादास्पद चुनावी वीडियो ने बवाल मचा दिया है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हरियाणा भाजपा द्वारा जारी इस वीडियो में एक बच्चे का इस्तेमाल करने पर गंभीर आपत्ति जताई है और इसे चुनावी नियमों का उल्लंघन माना है। इस मामले में आयोग ने हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 29 अगस्त शाम 6 बजे तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
वीडियो का विवाद
मामला 27 अगस्त का है, जब हरियाणा भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक चुनावी वीडियो पोस्ट किया था। यह वीडियो 36 सेकंड लंबा था, जिसमें एक बच्चा "अबकी बार हरियाणा में सैनी सरकार" का नारा लगाता हुआ दिख रहा है। वीडियो में बच्चे के इस नारे के बाद, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बच्चों के साथ हंसी-मजाक करते नजर आते हैं। वीडियो के अंत में "बच्चे-बच्चे की यही पुकार, अबकी बार नायब सरकार" लिखा हुआ था।
चुनाव आयोग ने इस वीडियो को गंभीरता से लिया और इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए तुरंत हरियाणा भाजपा को नोटिस जारी किया। आयोग का कहना है कि बच्चों का इस तरह से राजनीतिक प्रचार में इस्तेमाल करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह नैतिकता के खिलाफ भी है।
चुनाव आयोग के नियम और निर्देश
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, राजनीतिक दलों को किसी भी चुनावी गतिविधि में बच्चों का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यहां कुछ मुख्य निर्देश दिए गए हैं:
बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के तहत, चुनावी रैलियों, नारे लगाने, या पोस्टर वितरित करने जैसी गतिविधियों में बच्चों को शामिल करने पर सख्त प्रतिबंध है।
राजनीतिक अभियानों में बच्चों का उपयोग: बच्चों को गोद में उठाना, वाहन में ले जाना, या रैलियों में शामिल करना भी प्रतिबंधित है। बच्चों को किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि में शामिल करना आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जाता है।
कविताओं, गीतों, और प्रतीक चिन्हों का उपयोग: राजनीतिक अभियानों के लिए बच्चों को गीत गाने, कविताएं पढ़ने, या बोले गए शब्दों के माध्यम से प्रचार करने के लिए उपयोग करना भी मना है।
राजनीतिक प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल: किसी राजनीतिक दल की उपलब्धियों का प्रचार करना या विरोधियों की आलोचना करने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना भी चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है।
हालांकि, अगर कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ किसी राजनीतिक नेता के साथ है और किसी भी अभियान गतिविधि में शामिल नहीं है, तो इसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
भाजपा को नोटिस
इस मामले को लेकर चुनाव आयोग ने हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 29 अगस्त की शाम तक जवाब देने के लिए कहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 1 अक्टूबर को मतदान होंगे और नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में चुनाव प्रचार जोरों पर है और सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों में जुटे हुए हैं।
विवाद का राजनीतिक असर
भाजपा द्वारा बच्चे का इस्तेमाल करके चुनाव प्रचार करना एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर भाजपा की आलोचना की है। उनका कहना है कि भाजपा ने चुनावी लाभ के लिए बच्चों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है, जो निंदनीय है। इस मामले से भाजपा के चुनावी अभियान पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग की सख्ती से पार्टी को बचाव का रास्ता तलाशना होगा।
आयोग के नियमों का उल्लंघन
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा द्वारा जारी विवादास्पद वीडियो ने चुनाव आयोग की सख्ती को उजागर कर दिया है। बच्चों का राजनीतिक प्रचार में इस्तेमाल करना आयोग के नियमों का उल्लंघन है और यह नैतिकता के खिलाफ भी है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर दबाव बढ़ गया है और चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देना उसकी प्राथमिकता बन गई है।
देखना होगा कि भाजपा इस मामले में क्या सफाई देती है और चुनाव आयोग की तरफ से क्या कार्रवाई होती है। एक तरफ जहां चुनावी माहौल गर्म हो रहा है, वहीं इस विवाद ने हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग चुनावी आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कोताही नहीं बरतेगा
0 Comments