कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या पर कुल्लू में धरना, महिला समिति ने सुरक्षा के लिए उठाई आवाज
Kullu News:कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के खिलाफ देशभर में जगह-जगह धरने और प्रदर्शन हो रहे हैं, और महिला सुरक्षा के लिए कड़े कानूनों की मांग की जा रही है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मुख्यालय ढालपुर में भी अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एआईडीडब्ल्यूए) द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरने के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कार्यस्थलों पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की गई है।
धरना और ज्ञापन: महिला सुरक्षा के लिए उठी आवाज
ढालपुर में आयोजित इस धरने में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने जोरदार नारेबाजी करते हुए कोलकाता की घटना की निंदा की और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। धरना स्थल पर महिलाओं ने तख्तियां और बैनर लेकर प्रदर्शन किया, जिन पर महिला सुरक्षा और न्याय की मांग की गई थी।
धरना के बाद, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की महासचिव ममता नेगी ने एक ज्ञापन तैयार किया, जिसे जिला उपायुक्त (डीसी) के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया। ज्ञापन में समिति ने जोर देकर कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए तुरंत कड़े कानून बनाए जाएं और मौजूदा सुरक्षा प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए।
कोलकाता की घटना की निंदा
ममता नेगी ने कोलकाता में मेडीकल कॉलेज में ऑन ड्यूटी प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति जिला कुल्लू इस घटना की कड़ी निंदा करती है। यह घटना सिर्फ एक महिला डॉक्टर के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दी जानी चाहिए और पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए। समिति ने मांग की कि डॉक्टरों और सभी मेडिकल कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदमों की मांग
धरने के दौरान, समिति ने महिला सुरक्षा के संदर्भ में कई ठोस कदम उठाने की मांग की। समिति की प्रमुख मांगों में कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाना और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइनों का सख्ती से पालन करना शामिल है। इसके अलावा, समिति ने कार्यस्थलों पर डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों के लिए उचित रेस्टरूम और चेंजिंग रूम की व्यवस्था करने की भी मांग की।
समिति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के लिए अधिकतम आठ घंटे का कार्यदिवस लागू किया जाए और प्रशिक्षु डॉक्टरों से 36 घंटे तक काम करवाने की प्रथा को बंद किया जाए।
संविधान के अनुच्छेदों का पालन करने की मांग
समिति ने संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 के तहत महिला समानता के अधिकार को सुनिश्चित करने की भी मांग की। समिति का मानना है कि इन अनुच्छेदों का सख्ती से पालन किए बिना महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा नहीं की जा सकती। समिति ने कहा कि सरकार को महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की अब आवश्यकता है।
महिला अधिकारों की सुरक्षा पर जोर
धरने में शामिल महिलाओं ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि सरकार न केवल नए कानून बनाए, बल्कि मौजूदा कानूनों का सख्ती से पालन भी सुनिश्चित करे।
महिलाओं ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो वे अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए आंदोलन को और तेज करेंगी।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की भूमिका
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए लंबे समय से काम कर रही है। समिति का मानना है कि जब तक महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल और समान अधिकार सुनिश्चित नहीं किए जाते, तब तक समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोक पाना मुश्किल होगा।
ममता नेगी ने कहा, "हमारा उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करना है, जहां वे बिना किसी डर के काम कर सकें। इसके लिए सरकार को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।"
कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या
कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या ने देशभर में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ा दी है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन ने इस मुद्दे को और जोर दिया है।
समिति ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील की है। यह धरना प्रदर्शन महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को रेखांकित करता है और यह उम्मीद जताई जाती है कि सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करेगी ताकि देश की महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने का अधिकार मिल सके।
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