अयोध्या में दरिंदे ने चार साल की दलित बच्ची को बनाया हवस का शिकार, आरोपी लहूलुहान हालत में छोड़कर हुआ फरार

अयोध्या में दरिंदे ने चार साल की दलित बच्ची को बनाया हवस का शिकार, आरोपी लहूलुहान हालत में छोड़कर हुआ फरार


अयोध्या, उत्तर प्रदेश: रामनगरी के नाम से प्रसिद्ध अयोध्या में एक बार फिर से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। महाराजगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में एक दरिंदे ने चार वर्षीय अबोध दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी बच्ची को खून से लथपथ हालत में घटना स्थल पर छोड़कर फरार हो गया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और लोग आक्रोशित हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल भेजा और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

घटना का विवरण

यह भयावह घटना सोमवार शाम की है जब मासूम दलित बच्ची अचानक गायब हो गई। बच्ची के परिजनों ने उसे काफी ढूंढ़ा, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। इस दौरान सलमान नामक व्यक्ति ने बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपने घर ले गया और उसके साथ दरिंदगी की।

घटना के बाद जब बच्ची खून से लथपथ हो गई तो आरोपी ने उसे वहीं छोड़ दिया और मौके से फरार हो गया। स्थानीय ग्रामीणों ने बच्ची को इस हालत में देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। क्षेत्राधिकारी सदर संदीप सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई। पुलिस ने आरोपी सलमान के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।

पुलिस की प्राथमिकता जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार करना है, ताकि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिल सके और पीड़िता को न्याय मिल सके। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने चार थानों की फोर्स को मौके पर तैनात कर दिया है।

मामले की गंभीरता: दो समुदायों के बीच बढ़ता तनाव

यह मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण संवेदनशील बन गया है। घटना के बाद से ही दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी है।

अयोध्या में बढ़ते अपराध: कुछ ही दिन पहले हुआ था गैंगरेप

इससे पहले भी अयोध्या में नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया था, जिसमें सपा नेता मोईद खान समेत कई लोगों पर आरोप लगे थे। यह मामला तब सामने आया जब नाबालिग गर्भवती हो गई और 30 जुलाई को इसका खुलासा हुआ। इस मामले में प्रदेश की सियासत गर्मा गई थी, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा हमला बोला था।

उप्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए सपा नेता मोईद अहमद के खिलाफ बुलडोजर चलवाया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इन घटनाओं से अयोध्या में बढ़ते अपराधों पर सवाल खड़े हो रहे हैं और जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना

अयोध्या में इस तरह की घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे दरिंदों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।

घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है और लोग आक्रोशित हैं। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि दोषी को जल्द ही गिरफ्तार कर कानून के अनुसार सजा दिलाई जाएगी।

महिला सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से महिला सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। देशभर में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों में वृद्धि चिंता का विषय है। सरकार और प्रशासन को इन मामलों पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षित माहौल मिल सके।

 प्रशासन और कानून व्यवस्था पर  सवाल खड़े 

अयोध्या की इस घटना ने न केवल समाज को हिलाकर रख दिया है, बल्कि प्रशासन और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इस तरह की घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाना और पीड़िता को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही, समाज को भी इस तरह की घटनाओं के खिलाफ जागरूक होना होगा और अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन को इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें और समाज में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 

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