हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 2024: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश
शिमला, 20 अगस्त 2024 - हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र के दौरान कुल 10 बैठकों का आयोजन प्रस्तावित है, और यह सत्र 9 सितंबर तक चलेगा। बजट सत्र के बाद यह पहला महत्वपूर्ण सत्र होगा, और इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े कदम उठाए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सुरक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं, ताकि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या सुरक्षा में चूक न हो।
पृष्ठभूमि: मानसून सत्र की अहमियत
हिमाचल प्रदेश की विधानसभा का मानसून सत्र न केवल विधानमंडल के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य की जनता के लिए भी अहम है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक और प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। इसके अलावा, सदन में जनता के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
विधानसभा सत्रों का आयोजन छह महीने के अंतराल में करना आवश्यक होता है। इस बार मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू हो रहा है, जो 9 सितंबर तक चलेगा। इससे पहले, बजट सत्र 28 फरवरी को समाप्त हुआ था। इस सत्र के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत महसूस की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में सुरक्षा में कमी नहीं होनी चाहिए। पिछले बजट सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कुछ कमियां पाई गई थीं, जिनका संज्ञान लेते हुए इस बार विशेष ध्यान देने की बात कही गई है।
सोमवार, 19 अगस्त को हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय में आयोजित बैठक में कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, "सत्र के दौरान सदन के अंदर दिए गए निर्देशों का पूर्णतया पालन होना चाहिए। किसी भी आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा।"
पुलिस और होमगार्ड की तैनाती
बैठक में शिमला जिला पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने जानकारी दी कि इस बार विधानसभा की सुरक्षा के लिए 500 से ज्यादा पुलिस जवानों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, 60 होमगार्ड जवान भी ड्यूटी पर रहेंगे। विधानसभा परिसर के अंदर और बाहर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि कोई भी असामाजिक तत्व परिसर में प्रवेश न कर सके।
विधानसभा परिसर में पार्किंग व्यवस्था
सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पार्किंग व्यवस्था को भी सुव्यवस्थित किया गया है। विधानसभा परिसर की मुख्य पार्किंग में सिर्फ मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ प्रशासनिक सचिवों की ही गाड़ियां पार्क होंगी। मीडिया के वाहनों के लिए पार्किंग गेट नंबर- 2 से 30 मीटर दूर निर्धारित की गई है।
सचिवालय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था एजी ऑफिस के नजदीक चिन्हित स्थान पर की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें।
ई-प्रवेश पत्र की सुविधा
विधानसभा परिसर में प्रवेश को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए ई-प्रवेश पत्रों की व्यवस्था की गई है। ई- विधान प्रणाली के तहत इन प्रवेश पत्रों को ऑनलाइन आवेदन पर ही जारी किया जाएगा और इन्हें क्यूआर कोड की मदद से प्रमाणित किया जाएगा। यह प्रक्रिया न केवल सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि इसे अधिक पारदर्शी और सुगम भी बनाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं की तैनाती
सत्र के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए विधानसभा परिसर में एंबुलेंस और डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी। इससे किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।
सदन के अंदर अधिकारियों के लिए निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन के अंदर अधिकारियों की उपस्थिति और उनकी भूमिका को लेकर भी सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रश्न काल के दौरान विभागों के प्रशासनिक सचिव ही अधिकारी दीर्घा में बैठेंगे, जबकि प्रश्न काल के बाद भी विभाग के प्रमुख अधिकारियों को ही दीर्घा में उपस्थित रहने की अनुमति होगी। इससे निचले स्तर के अधिकारियों को गैलरी में बैठने की अनुमति नहीं होगी।
यह निर्णय लिया गया है कि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या अवांछनीय घटना को रोकने के लिए सदन के अंदर और बाहर हर दिशा में कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 2024 न केवल विधायी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी एक बड़ी परीक्षा है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा दिए गए सख्त निर्देश और सुरक्षा उपायों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा या अव्यवस्था न हो। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने कार्यों को पूरी निष्ठा और सावधानी के साथ पूरा करें।
इस सत्र के दौरान की जाने वाली चर्चाएं और निर्णय राज्य की जनता के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे, और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हर प्रक्रिया सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से पूरी हो। हिमाचल प्रदेश की जनता की उम्मीदें इस सत्र से जुड़ी हुई हैं, और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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