बिजली विभाग में संविदा पर तैनात कर्मियों की बिजली के खंभे पर काम करते समय मौत कब तक?

 बिजली विभाग में संविदा पर तैनात कर्मियों की बिजली के खंभे पर काम करते समय मौत कब तक?


पट्टी (प्रतापगढ़),  कोतवाली क्षेत्र के रमईपुर नेवादा गांव में ट्रांसफॉर्मर का जम्फर खोलने के दौरान रविवार सुबह करंट की चपेट में आने से संविदा लाइनमैन की मौत हो गई। सीएचसी पट्टी में शव देखते ही परिजन हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। वे विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिस के समझाने पर चार घंटे बाद शव पोस्टमार्टम के लिए जा सका।

पट्टी थाना क्षेत्र के गडौरी खुर्द गांव निवासी राम अजोर का 30 वर्षीय बेटा अजय पाल पट्टी विद्युत उपकेंद्र पर संविदा लाइनमैन था। वह रविवार सुबह नौ बजे साथी लाइनमैन प्रदीप पांडेय के साथ क्षेत्र के रमईपुर नेवादा गांव में 11 हज़ार लाइन के टूटे तार की मरम्मत के लिए गया था। 63 केवीए ट्रांसफॉर्मर का जम्फर खोलने लगा तभी करंट की
चपेट में आ गया। पोल से नीचे गिरते ही साथी लाइनमैन प्रदीप पांडेय और ग्रामीण उसे सीएचसी पट्टी ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी मिलते ही परिजन सीएचसी पहुंच गए। मृतक के भाई संजय पाल सहित अन्य ग्रामीण हत्या का आरोप लगाते हुए विभागीय
अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे।
कोतवाल आलोक कुमार सीएचसी पहुंचे और समझाने लगे। हालांकि परिजन एफआईआर दर्ज होने से पहले मानने को तैयार नहीं थे। उनकी तहरीर पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया तो चार घंटे बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी।

बिजली विभाग में आखिर लापरवाही की भेंट कब तक चढेंगे बिजली विभाग में तैनात संविदाकर्मी? आये दिन संविदाकर्मियों की पोल पर काम करने के दौरान अचानक बिजली विभाग कर्मियों के द्वारा बिजली दे देने से पोल पर काम कर रहे संविदाकर्मी की दर्दनाक मौत हो जाती है। हर बार आखिर ऐसा क्यों होता है। जब संविदाकर्मी पावर हाउस पर जानकारी देने के बाद बिजली कटवाकर अपने गंतव्यों को बढता है और पोल पर चढकर लाइ‌न की ठीक करता है। तो पोल पर चढे संविदाकर्मी को बताये बगैर कैसे पावर हाउस से बिजली दे दी जाती है। जिसके कारण उसकी दर्दनाक मौत हो जाती है,आखिर ऐसे लापरवाह बिजली कर्मचारियों के उपर कोई कडी कार्यवाही क्यों नहीं होती है। हर बार लापरवाही से मौतें हो रही हैं,इन सब से बिजली विभाग सीख क्यों नहीं लेता है। बस मृतक संविदाकर्मी के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त कर सबकुछ भुला देना यह कब तक चलता रहेगा? संविदाकर्मी आखिर बली का बकरा कब तक बनता रहेगा? हर बार लापरवाह बिजली कर्मचारी कोई कठोर कार्यवाही क्यों नहीं होती है? बडा सवाल यह आमजनमानस में चल रहा है। आज भी पट्टी पावर हाउस पर तैनात गडौरी गांव का रहने वाला संविदाकर्मी अजय पाल की पोल पर लाइन ठीक करते समय अचानक पावर हाउस द्वारा बगैर किसी सूचना के बिजली आपूर्ति चलू कर दी गई। जिससे संविदाकर्मी अजय पाल की करेंट लगने से पोल पर दर्दनाक मौत हो जाती है। आनन-फानन लोग उसे पट्टी सीएचसी ले जाते हैं,जहां डाक्टर उसे मृत घोषित कर देते हैं। वहीं अपने साथी की पोल पर काम करते समय मौत होने की सूचना पाकर अन्य संविदाकर्मी पट्टी सीएचसी पहुँच जाते हैं। लाइन ठीक करते समय संविदाकर्मी की मौत की जानकारी होने पर पुलिस भी पट्टी सीएचसी पहुँच जाती है। मृतक अजय पाल की बाडी को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया जाता है। आखिर लगातार हो रही मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या संविदाकर्मी सिर्फ जान गंवाने के लिये काम करते रहेंगे। अब देखना यह है कि जिस परिवार का पेट पालने वाला सख्स इस दुनिया से चला गया, उस परिवार को इंसाफ दिलाने के लिये जिला प्रशासन और बिजली विभाग क्या सख्त कार्यवाही करता है?

जिला संवाददाता मयंक शेखर मिश्रा 
अखंड भारत दर्पण न्यूज़ प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

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