"ऑपरेशन कन्विक्शन" को निरन्तर सफल बना रही है प्रतापगढ़ पुलिस
"ऑपरेशन कन्विक्शन" तहत पाक्सो अधिनियम के अभियोग में अभियुक्तों को वैज्ञानिक विवेचना, अचूक साक्ष्य संकलन एवं पुलिस व लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप दोषी को मिली सजा-
➡ "ऑपरेशन कन्विक्शन" के तहत चिन्हित अपराधों में मा0 स्पेशल न्यायालय पाक्सो अधिनियम जनपद प्रतापगढ द्वारा दोषी रामराज सरोज सुत छंगुराम सरोज निवासी मनेहू थाना जेठवारा जनपद प्रतापगढ को धारा 4 पाक्सो अधि0 के तहत 12 वर्ष के कारावास व एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है । अर्थदण्ड अदा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा । अभियुक्त उपरोक्त द्वारा इस अपराध में जेल में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित होगी तथा जुर्माने के व्यतिक्रम को छोड़कर अन्य सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी । अभियुक्त पर अधिरोपित कुल अर्थदण्ड एक लाख रूपये पीड़िता को चिकित्सीय एवं मानसिक आघात की पूर्ति तथा पुर्नवास हेतु नियमानुसार प्रदान किया जायेगा।
जनपद प्रतापगढ़ थाना जेठवारा के मुकदमा में दोषसिद्ध का विवरण-
➡ दिनांक 04-05-2016 को रामराज सरोज सुत छंगुराम सरोज निवासी मनेहू थाना जेठवारा जनपद प्रतापगढ के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 376 भा0दं0वि0 व 3/4 पाक्सो अधि0 का अभियोग पंजीकृत किया गया था ।
➡ दिनांक 08-05-2016 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर आरोप पत्र दिनांक 31/07/2016 को माननीय न्या0 दाखिल किया गया ।
➡ श्रीमान् पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ के आदेश के क्रम एवं पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ के निर्देशन में "ऑपरेशन कन्विक्शन'' के तहत चिन्हित अपराधों में दोषी अभियुक्तों के विरुद्ध मा0 न्यायालय द्वारा अधिकतम/त्वरित दंडात्मक कार्यवाही हेतु जनपदीय पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
पंजीकृत अभियोग में मॉनिटरिंग सेल व विशेष लोक अभियोजक- श्री देवेश तिवारी(एडीजीसी), श्री अशोक तिवारी(एडीजीसी), विवेचक – उ0नि0 श्री अखिलेश राय थाना जेठवारा के पैरोकार आरक्षी विपिन मिश्रा की प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप दिनांक 09.08.2024 को मा0 स्पेशल न्यायालय पाक्सो अधिनियम जनपद प्रतापगढ द्वारा अभियुक्त रामराज सरोज सुत छंगुराम सरोज निवासी मनेहू थाना जेठवारा जनपद प्रतापगढ को धारा 4 पाक्सो अधि0 के तहत 12 वर्ष के कारावास व एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है । अर्थदण्ड अदा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा । अभियुक्त उपरोक्त द्वारा इस अपराध में जेल में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित होगी तथा जुर्माने के व्यतिक्रम को छोड़कर अन्य सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी । अभियुक्त पर अधिरोपित कुल अर्थदण्ड एक लाख रूपये पीड़िता को चिकित्सीय एवं मानसिक आघात की पूर्ति तथा पुर्नवास हेतु नियमानुसार प्रदान किया जायेगा ।
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