संघी अँग्रेज़ों के मुखबिर थे
उनकी पेंशन पर जीते थे
माफ़ीनामे लिखते थे
यही हैं जो अँग्रेज़ों की ‘तोड़ो और राज करो’ नीति आज भी चला रहे हैं
संघी-भाजपायी देश का सबसे बड़ा ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ हैं जो संवैधानिक अधिकारों, गंगा-जमुनी तहज़ीब, लोकतांत्रिक मूल्यों के टुकड़े करना चाहते हैं ।
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