स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि शी हाट की तर्ज पर सोलन में भी महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद विक्रय करने के लिए व्यवस्थित केन्द्र स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी। डॉ. शांडिल आज 20-सूत्रीय कार्यक्रम समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वयं सहायता समूहों सेे जुड़कर अपनी तथा प्रदेश की आर्थिकी में सकारात्मक योगदान दे रही हैं। सिरमौर ज़िला में स्थित शी हाट आज सभी महिलाओं को नई राह दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि सोलन देश के व्यस्तत्म औद्योगिक एवं परिवहन केन्द्रों में से एक है। ऐसे स्थान पर शी हाट की तर्ज पर महिलाओं के लिए उनके उत्पादों का विपणन केन्द्र खुलना सभी के हित में है। उन्होंने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए कि सोलन-परवाणु राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस केन्द्र की स्थापना की सम्भावनाएं तलाशी जाएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों की मांग पर सोलन ज़िला के कण्डाघाट में अग्निश्मन केन्द्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने इस दिशा में उपायुक्त सोलन को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए।
डॉ. शांडिल ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ऐसी योजनाओं की समीक्षा करना है जो समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाएं और समयबद्ध सीमा में लक्ष्य पूरे करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन की समस्याओं के स्थाई समाधान करें।
उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि बैठक से अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि ज़िला में लोगों को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए नियमित औचक निरीक्षण सुनिश्चित बनाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि नालागढ़ उपमण्डल की विभिन्न ग्राम पंचायतों में गत वर्ष आपदा के कारण बेघर हुए प्रभावितो को शीघ्र भूमि उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि वनों में लगने वाली आग की घटनाओं को रोकना सामूहिक उत्तरदायित्व है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि इस दिशा में लोगों को जागरूक करें।
डॉ. शांडिल ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और घटते संसाधन सभी के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों का उचित प्रयोग आवश्यक है।
बैठक में अवगत करवाया गया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत सोलन ज़िला में वर्तमान में कुल 65 हजार जॉब कार्ड सक्रिय हैं। इस वित्त वर्ष में अभी तक 6 लाख 79 हजार कार्य दिवस अर्जित कर विभिन्न विकास कार्यों पर 35 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि सोलन ज़िला के प्रत्येक विकास खण्ड में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई स्थापित की जा रही है। इस इकाई की स्थापना के उपरांत सभी ग्राम पंचायतें स्वच्छता उपकर ले सकेंगी। वर्तमान में ज़िला की कुल 240 ग्राम पंचायतों में से 65 ग्राम पंचायतें स्वच्छता कर ले रही हैं।
बैठक में अवगत करवाया गया कि सोलन ज़िला में इस वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 291 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने मुख्यातिथि को विश्वास दिलाया कि उनके निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाया जाएगा और गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर सारगर्भित विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कण्डाघाट में अग्निशमन उप-केन्द्र की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है।
अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
बैठक में नगर निगम सोलन की महापौर उषा शर्मा, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं समिति के गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित थे।
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