"सीएम सुक्खू साहब! यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन ?",आनी में गरजे झाबे राम शर्मा कहा।

 


डी०पी० रावत।

आनी,31दिसम्बर।

हिमाचल प्रदेश के ज़िला कुल्लू के उप मण्डल मुख्यालय आनी में स्थित वरिष्ठ अधिशासी अभियंता कार्यालय परिसर में दोपहर भोजनावकाश के दौरान समस्त बिजली बोर्ड कर्मियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी विभिन्न मांगे पूरी न होने और अपने विभिन्न लम्बित मसलों पर धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कार्यकारिणी के मुख्य सचिव झाबे राम शर्मा ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। 

 प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू साहब! यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन ? चुनाव के वक्त तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विभिन्न मंचों पर सभी सरकारी विभागीय कर्मचारियों के साथ साथ सभी सरकारी बोर्ड, निगमों और उपक्रमों के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने की बड़ी बड़ी बाते की थी। अभी तक बिजली बोर्ड कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम से महरूम क्यों रखा गया है? उन्होंने हाल में बोर्ड से निष्काशित किए गए आउटसोर्स ड्राइवर्स को तुरन्त बहाल करने की मांग की है।

देखिए! लाइव कवरेज: आनी में बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना प्रदर्शन।

उन्होंने कहा कि हमारा संगठन पड़ोसी केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ में बिजली बोर्ड के निजीकरण का विरोध करते हैं। 

उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व एवं वर्तमान की केन्द्र सरकारों व प्रदेश सरकारों पर बोर्ड को निजी हाथों में सौंपने के प्रयासों के आरोप जड़े। 

उन्होंने बताया कि बिजली बोर्ड का एक ऐसा समृद्धि का दौर भी था जब बोर्ड में उपभोक्ता कम थे और कर्मचारीगण अधिक संख्या में थे; तब बोर्ड अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन के साथ बोनस भी देता था और बोर्ड सरकार की समय समय पर आर्थिक मदद भी करता था।जबकि आज इसका उल्टा है उपभोक्ता कई गुणा ज़्यादा बढ़ चुके हैं और कर्मचारियों की तादाद काफ़ी कम रह गई है। फिर भी कर्मचारियों व पेंशनर्स को कई वित्तीय लाभ कई वर्षों से लम्बित हैं और कर्मचारियों को बोर्ड से छंटनी के नाम पर निकाला जा रहा है।

उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार द्वारा संचालित 125 यूनिट्स फ्री बिजली सब्सिडी योजना,ब्यूरोक्रेट्स और पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और वर्तमान अध्यक्ष के कुप्रबंधन एवं गलत नीतियों को बोर्ड के आर्थिक पतन के लिए जिम्मेवार ठहराया है।

उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स पर सरकार को गलत आंकड़े जारी करने का भी आरोप लगाया है। 

उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि बोर्ड का निजीकरण करने की भूल न करें अन्यथा इसके सरकार और आम विद्युत उपभोक्ताओं को इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। 

उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि हिमाचल के हितों बचाना उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने आगे कहा है कि क्या बिजली बोर्ड और इसके कर्मचारियों को बचना हिमाचल के हित से परे है?

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि आनन फानन में बोर्ड का निजीकरण हुआ तो समस्त कर्मचारी इसका बे पैमाने पर विरोध करेंगे।

इस मौके पर आनी यूनिट के प्रधान प्रमोद शर्मा,सचिव रघुबीर,वरिष्ठ अधिशासी अभियंता पी०सी० हरनोट व सहायक अभियंता एम० आर० कश्यप विशेष रूप मौजूद रहे।

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