पूर्व मंत्री और सांसद किशन कपूर का निधन हो गया, उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली।

 किशन कपूर का निधन ब्रेन हेमरेज के कारण पीजीआई में हुआ, जहां वे उपचाराधीन थे। 

उनका निधन हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री और सांसद के रूप में एक महत्वपूर्ण क्षति है। किशन कपूर का जन्म 25 जून 1951 को धर्मशाला के खनियारा गांव में हुआ था, और वे 73 वर्ष की आयु में इस दुनिया से विदा हुए। 


किशन कपूर ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे तीन बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और एक बार लोकसभा सांसद बने। भाजपा की टिकट पर धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने पांच बार विधायक के रूप में सेवा की। उनके निधन से न केवल विधानसभा क्षेत्र, बल्कि पूरे प्रदेश में शोक की लहर फैल गई है। 


नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा

 भाजपा परिवार ने एक बड़े नेता को खो दिया है। उनका योगदान और नेतृत्व हमेशा याद रखा जाएगा। किशन कपूर की कमी को भरना कठिन होगा, और उनके कार्यों का प्रभाव लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।



किशन कपूर का राजनीतिक करियर

  1. 1970 में जनसंघ और जनता पार्टी में शामिल होकर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। 
  2. 1978 में युवा मोर्चा के सचिव बने। 
  3. 1980 में भाजपा के गठन में सक्रिय भूमिका निभाई। 
  4. 1982 से 1984 तक उन्होंने भाजपा धर्मशाला के मंडल अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  5. 1985 में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में अपने पहले विधायक चुनाव में भाग लिया। 
  6. 1990 में उन्होंने भाजपा के विधायक के रूप में धर्मशाला का प्रतिनिधित्व किया। 
  7. 1993 में दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। 
  8. 1993 से 1997 तक वे विधानसभा में मुख्य सचेतक रहे। 
  9. 1994 में भाजपा हिमाचल प्रदेश के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। 
  10. 1995 से 1997 तक कांगड़ा जिले के भाजपा अध्यक्ष रहे। 
  11. 1996 में मणिपुर संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा चुनाव प्रभारी नियुक्त हुए।
  12. 1998 में उन्होंने धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार जीत हासिल की और परिवहन, जनजातीय विकास, मुद्रण एवं लेखन सामग्री और कानून मंत्री के रूप में शपथ ली। 
  13. 2003 में धर्मशाला से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 
  14. 2004 में उन्हें हिमाचल प्रदेश भाजपा के राज्य प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। 
  15. 2007 में उन्होंने धर्मशाला से चौथा चुनाव लड़ा।
  16. 2008 में परिवहन, शहरी विकास, आवास और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। 
  17. 2009 में उद्योग, श्रम और रोजगार तथा सैनिक कल्याण मंत्रालयों का पोर्टफोलियो बदला गया। 
  18. 2012 में धर्मशाला से चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे। 
  19. 2017 में धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से पांचवीं बार जीत हासिल की। 
  20. 2017 में खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले और चुनाव मंत्री के रूप में शपथ ली। 
  21. 2019 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए, जिसमें पूरे देश में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत का रिकॉर्ड बना।

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