भारत में आधे इंटरनेट उपयोगकर्ता AI का उपयोग कर रहे हैं, जबकि 30 प्रतिशत ने चीनी प्लेटफॉर्म DeepSeek पर स्विच किया है।

 AI उपकरणों का उपयोग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। वर्तमान में OpenAI का ChatGPT अत्यधिक प्रसिद्ध है। इसके साथ ही, गूगल का Gemini भी बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं द्वारा अपनाया जा रहा है। इन सभी के बीच, चीन के एक स्टार्टअप का AI मॉडल डीपसीक भी काफी चर्चित हो गया है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 30 प्रतिशत भारतीय इस पर स्विच कर चुके हैं।

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से आधे एआइ तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इनमें से 30 प्रतिशत उपयोगकर्ता चीनी एआइ प्लेटफार्म डीपसीक पर स्विच कर चुके हैं या ऐसा करने की योजना बना रहे हैं। सर्व फर्म लोकल सर्कल्स के अनुसार, चैटजीपीटी अभी भी सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला एआइ प्लेटफार्म है, लेकिन कई लोग डीपसीक की ओर बढ़ रहे हैं। केवल 18 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने एआइ से प्राप्त जानकारी को गलत पाया है। एआइ का उपयोग करने वाले 66 प्रतिशत लोग जानकारी प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग करते हैं, जबकि 25 प्रतिशत लोग अन्य कार्यों के लिए इसका प्रयोग करते हैं। इस सर्वेक्षण में 92,000 लोगों ने भाग लिया और यह देश के 309 जिलों में आयोजित किया गया।


सवाल: एआइ प्लेटफार्म का उपयोग करते समय आपने सवाल पूछने के लिए किस मोड का चयन किया?

इसका उत्तर 14,836 लोगों ने दिया। इनमें से 10% ने वॉयस मोड का चयन किया, जबकि 90% ने टेक्स्ट मोड का उपयोग किया।


सवाल: वर्तमान में आप किस एआइ प्लेटफार्म का सबसे अधिक उपयोग कर रहे हैं?

इस प्रश्न का उत्तर 15,377 व्यक्तियों ने दिया। इनमें से 6% ने को पायलट, 3% ने जेमिनी, 3% ने लामा, 9% ने क्लाउड, 9% ने परेप्लेक्सटी, 6% ने कोई नहीं, 28% ने चैटजीपीटी, 40% ने अन्य और 5% ने नहीं पता बताया। अन्य के उत्तर में लोगों ने गूगल या अन्य सर्च इंजनों के उपयोग का उल्लेख किया।


सवाल: एआइ प्लेटफार्म से प्राप्त उत्तरों की सटीकता के बारे में आपकी क्या राय है?

इस पर 15,457 उत्तर प्राप्त हुए। इनमें से 5% ने कहा कि वे नहीं कह सकते, 8% ने बेहद सटीक, 9% ने ज्यादातर गलत, 9% ने काफी गलत, 20% ने ज्यादातर सटीक और 49% ने कुछ हद तक सटीक उत्तर दिया।


अफसरों के लिए एआइ टूल के उपयोग पर प्रतिबंध  

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के उपयोग को लेकर बढ़ती चर्चाओं के बीच, वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कार्यालय के कंप्यूटर और अन्य उपकरणों पर चैटजीपीटी तथा डीपसीक जैसे एआइ टूल और एप्लिकेशन डाउनलोड न करें। यह निर्णय सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता से संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।  

मंत्रालय ने पिछले महीने अपने सभी विभागों को भेजे गए एक संदेश में स्पष्ट किया है कि कार्यालय के कंप्यूटर और फोन उपकरणों में एआइ टूल और एप्लिकेशन के उपयोग से सख्ती से बचना चाहिए। व्यय विभाग ने 29 जनवरी को एक बयान में कहा, 'यह निर्णय लिया गया है कि कार्यालय के कंप्यूटर और उपकरणों में एआइ टूल और चैटजीपीटी तथा डीपसीक जैसे एआइ एप्लिकेशन का उपयोग सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए खतरा उत्पन्न करता है।'  

भारत सरकार ने यह निर्णय उस समय लिया है जब ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपने आधिकारिक सिस्टम को चीनी एआई कंपनी डीपसीक से सुरक्षित करने की योजना बनाई है। पिछले सप्ताह, डीपसीक ने अपने किफायती एआई टूल आर1 को पेश कर वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी थी। इससे चैटजीपीटी की निर्माता कंपनी ओपनएआई और एआई चिप निर्माता एनवीडिया को गंभीर झटका लगा है। 

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