वैज्ञानिकों ने जीन खोज लिया, जो बताता है कि छोटी उम्र में दिल का दौरा क्यों होता है

 


शोध में किशोरों से लेकर युवा लोगों की अचानक लडख़ड़ा कर गिरने के कारण होने वाली मौतों (सडेन कोलैप्स) की बढ़ती घटनाओं के बारे में बहुत कुछ पता चला है। केरल के श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने एक म्यूटेशन जीन का पता लगाया है जिसका समय रहते उपचार कर ऐसी मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है। उपरोक्त अनुसंधानकर्ताओं का शोधपत्र कार्डियोलोजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की प्रतिष्ठित पत्रिका इंडियन हर्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस शोधपत्र में हृदय संबंधित बीमारियों का कारण बनने वाले एम वाई एच 7 जीन पर चर्चा की गई है।

यह है कारण

श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलोजी विभाग के डा. कुमार रतनजीत और डा. शिवदासनपिल्लै हरिकृष्णनन ने इस लेख में बताया है कि इस म्यूटेशन जीन के कारण होने वाली बीमारी-हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी एक प्रकार की आनुवंशिक स्थिति है, जिसमें हृदय की मांसपेशियां भारी हो जाती हैं और हृदय के सुचारु काम में बाधा पैदा करती हैं। शोध-पत्र में कहा गया है कि ऐसे लोगों की पहले की पीढिय़ों में भी हृदय की इस तरह की समस्या से मृत्यु के मामले देखे जा चुके हैं या उनके परिवार के अन्य सदस्य पहले भी ऐसी बीमारी से ग्रसित होते रहे हैं।

जान बचाई जा सकती है

डॉक्टर रतनजीत ने कहा कि ऐसे कई जीन पहले से हैं, जो इस तरह की स्थिति का कारण बनते हैं, और उनकी जांच भी की जा सकती है। हालाँकि, हमने पहली बार म्यूटेशन-जीन एमवाईएच 7 जीन को रिपोर्ट किया है। डॉ. रतनजीत ने कहा कि भविष्य में संदेहपूर्ण मरीजों में भी इस जीन की जांच की जा सकती है और पता चलने पर उनका समय रहते उपचार किया जा सकता है।

थकान और पर्याप्त पानी की कमी

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी बीमारी से थकान और कभी-कभी पानी की कमी से अचानक हृदय गति रुकने से मृत्यु हो सकती है। यह एथलीटों या एरोबिक व्यायाम करने वाले लोगों में अचानक मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है।

बच्चों की भी मौत

भारत में किशोर से लेकर युवा और बड़ी उम्र के लोगों की अचानक लडख़ड़ा कर गिरने से मौतों की संख्या पिछले एक या दो वर्षों से लगातार बढ़ रही है। इस तरह की घटनाओं में कुछ छोटे बच्चों की भी मौत की खबरें सामने आई हैं।News source

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