रेलवे की जमीन पर विनायक का अवैध निर्माण

 




उपभोक्ता अदालत ने 28 दिन के अंदर सारे कागजात के साथ प्रत्येक बाशिन्दों को आठ लाख करके हर्जाना देनो को कहा

(पारो शैवलिनी की रिपोर्ट) 

 चित्तरंजन : रेलनगरी से सटे डाबर मोड़ इलाका के दुर्गा मंदिर के पास दस साल पहले एक बहुमंजिला मकान विनायक का निर्माण किया गया था जो पूरी तरह से अवैध है क्योंकि यह भवन रेलवे की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया है। इस भवन में रहने वाले गोकुलचंद्र घोष,रवीन्द्र नारायण वनिक व वीरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि दस साल पहले इस भवन का निर्माण किया गया था।पन्द्रह साल का एक लम्बा समय बीत जाने के बाद भी हमलोगों को जमीन का दलील के साथ कोई भी पेपर्स उपलब्ध नहीं कराया गया। हारकर हमलोगों ने 2021 साल के नवंबर महीने में आसनसोल उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज किया।चार साल बाद 22 जनवरी 2025 को आसनसोल उपभोक्ता अदालत में एकतरफा फैसला पार्टी के हक में सुनाया गया तथा 28 दिनों के अंदर जमीन के सारे दस्तावेज के साथ प्रत्येक लोगों को आठ-आठ लाख रुपये का हर्जाना देने की बात कही गई है। इधर,विनायक काम्प्लैक्स के मालिक हरप्रसाद से जब ये जानना चाहा कि आसनसोल उपभोक्ता अदालत में सुनवाई के दौरान आप क्यों हाजिर नहीं हुए?तो उन्होंने साफतौर पर कहा कि इसकी कोई सूचना कभी नहीं दी गई मुझे।हरप्रसाद ने यह भी कहा कि इस भवन में कुल 55 परिवार रह रहे हैं।किसी ने भी हमसे कभी कोई शिकायत नहीं की। बाकी ये आठ लोग मुझे बदनाम करने के लिए झूठा आरोप लगा रहे हैं।हम इन आठ लोगों के खिलाफ हाई कोर्ट में मामला दर्ज करूँगा।


২৮ দিনের মধ্যে প্রতিটি বাসিন্দাকে সমস্ত নথিপত্র সহ আট লক্ষ টাকা ক্ষতিপূরণ দিতে বলেছে ভোক্তা আদালত। (প্রতিবেদন: পারো শৈবালিনী)

চিত্তরঞ্জন: রেলনগরী সংলগ্ন ডাবর মোড় এলাকায় দুর্গা মন্দিরের কাছে দশ বছর আগে একটি বহুতল বাড়ি বিনায়ক নির্মিত হয়েছিল, যা সম্পূর্ণ অবৈধ কারণ এই ভবনটি রেলওয়ের জমি দখল করে তৈরি করা হয়েছে। এই ভবনে বসবাসকারী গোকুলচন্দ্র ঘোষ, রবীন্দ্র নারায়ণ বণিক এবং বীরেন্দ্র উপাধ্যায় জানিয়েছেন যে এই ভবনটি দশ বছর আগে নির্মিত হয়েছিল। দীর্ঘ পনেরো বছর পরেও জমির যুক্তি সহ আমাদের কাছে কোনও কাগজপত্র পাওয়া যায়নি। পরাজিত হয়ে আমরা ২০২১ সালের নভেম্বর মাসে আসানসোল ভোক্তা আদালতে মামলা দায়ের করি। চার বছর পরে, ২২ জানুয়ারী, ২০২৫ তারিখে, আসানসোল ভোক্তা আদালতে পক্ষের পক্ষে একতরফা রায় দেওয়া হয় এবং ২৮ দিনের মধ্যে জমির সমস্ত নথিপত্র সহ প্রতিটি ব্যক্তিকে আট লক্ষ টাকা ক্ষতিপূরণ দেওয়ার কথা বলা হয়েছে। এখানে, যখন বিনায়ক কমপ্লেক্সের মালিক হর প্রসাদকে জিজ্ঞাসা করা হয়েছিল যে কেন তিনি আসানসোল গ্রাহক আদালতে শুনানির সময় উপস্থিত হননি? তিনি স্পষ্টভাবে বলেছিলেন যে তাকে কখনও এই বিষয়ে অবহিত করা হয়নি। হর প্রসাদ আরও বলেছিলেন যে এই ভবনে মোট ৫৫টি পরিবার বাস করে। কেউ আমাদের কাছে কখনও অভিযোগ করেনি। বাকি আটজন আমাকে মানহানি করার জন্য মিথ্যা অভিযোগ করছে। আমি এই আটজনের বিরুদ্ধে হাইকোর্টে মামলা করব।


The consumer court asked to pay eight lakh rupees as compensation to each resident along with all the documents within 28 days. (Report by Paro Shaivalini)

Chittanranjan: A multi-storey house Vinayak was constructed ten years ago near the Durga temple in Dabur Mor area adjacent to Railnagari, which is completely illegal because this building has been built by occupying the railway land. Gokulchandra Ghosh, Ravindra Narayan Vanik and Virendra Upadhyay, who live in this building, said that this building was constructed ten years ago. Even after a long period of fifteen years, no papers were made available to us along with the argument of the land. Defeated, we filed a case in the Asansol Consumer Court in the month of November 2021. Four years later, on January 22, 2025, a one-sided decision was given in favor of the party in the Asansol Consumer Court and it has been said to pay eight lakh rupees as compensation to each person along with all the documents of the land within 28 days. Here, when Vinayak Complex owner Har Prasad was asked why he did not appear during the hearing in Asansol Consumer Court? He clearly said that he was never informed about this. Har Prasad also said that a total of 55 families are living in this building. No one has ever complained to us. The rest of these eight people are making false allegations to defame me. I will file a case against these eight people in the High Court.




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