➡️रोजगार के लिए आंदोलन की बनी कार्य योजना।
पारो शैवलिनी की रपट।
धनबाद, 19 अप्रैल, 2025
झारखंड के युवाओं को आज कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है रोजगार का भारी संकट, पलायन, सरकारी रिक्तियों मे बहाली न होना विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लिक तथा नियुक्तियों के बाद मामला न्यायालय में लंबित हो जाने से स्थिति और गंभीर होती जा रही है. झारखंड में बेरोजगारी की दर जो 10 प्रतिशत थी जो अब बढकर 59 प्रतिशत हो गई है जो बेरोजगारी की भयानक स्थिति को उजागर करता है.
यही स्थिति पूरे देश में है. जब से केंद् में भाजपा की सरकार आयी है हालत और बदतर होती जा रही है युवाओं की लंबी फौज बेरोजगारों की कतार में शामिल होती जा रही है. जिससे स्थिति और भयावह होती जा रही है. इस परिस्थिति में युवाओं को संगठित होना पड़ेगा. यह बात आज भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआइ) के राष्ट्रीय महासचिव हिमांग्न भट्टाचार्य ने कही वे आज झारखंड के विभिन्न जिलों से आए डीवाईएफआइ के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे.
बैठक की अध्यक्षता डीवाईएफआइ के अध्यक्ष सुरेश मुंडा ने की. संचालन नौशाद अंसारी ने किया. बैठक में रांची, धनबाद, गिरीडीह, जामताड़ा, कोडरमा गुमला, पाकुड़
बोकारो, कोडरमा और पूर्वी सिंहभूम समेत विभिन्न जिलों से आए युवाओं ने भागीदारी की.
बैठक में डीवाईएफआइ की पुरानी राज्य कमिटी को भंग कर एक नयी तदर्थ कमिटी का गठन किया गया. जिसके संयोजक मोहन मंडल, और तीन सह संयोजक नौशाद अंसारी , शंकर उरांव और मुकेश यादव चुने गए.
बैठक में अगले तीन माह में डीवाईएफआइ का 20 हजार सदस्य बनाने, 200 प्राथमिक ईकाई का गठन करने, डीवाईएफआइ का स्वतंत्र राज्य - केंद्र बनाने, जुन माह में युवाओं का एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाने और जिला स्तर पर युवाओं के ज्वलंत मुद्दों को लेकर उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किए जाने का निर्णय लिया गया बैठक को मोहन मंडल,शंकर उरांव, मिला कुजूर, प्रेम तिर्की, किशोर साव, आशीष कुमार सिन्हा, शेख रौशन जलाल, श्री चरण कुनाए , शिवनंदन कुमार, गोमस्त बास्की, परमीय परणिकार , प्रभाकर शर्मा, मो. इरफान अंसारी, नीरज पासवान, कुंदन पासवान, प्रजा पासवान, झंटु सिंह, रोहित रवानी और कृष्णा पोटरी ने संबोधित किया।
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